इन छह गलतियों से जरूर बचें

हाल ही में रजत सम्ब्याल सिविल सेवा परीक्षा में अपनी विफलता के बारे में ट्वीट कर चर्चा में आए थे। यहां वे इस परीक्षा में हुई अपनी गलतियों के माध्यम से इसकी तैयारी के कुछ मंत्र दे रहे हैं।


यूपीएससी की परीक्षा में हर साल करीब 9-10 लाख परीक्षार्थी बैठते हैं, लेकिन उनमें से केवल 700-800 का ही चयन हो पाता है, कई युवाओं को विफलता का सामना करना पड़ता है। ऐसे ही एक युवा हैं रजत सम्ब्याल, जो सिविल सेवा परीक्षा में आखिरी प्रयास में भी नाकामी के बाद अपने एक ट्वीट से चर्चा में आए थे। रजत ने सिविल इंजीनियरिंग में पढ़ाई की है। उन्होंने यूपीएससी की दस साल तैयारी की। छह बार परीक्षा में बैठे। लेकिन नाकाम हुए और प्रयासों की सीमा खत्म हो गई। वह तीन बार प्रीलिम्स और दो बार मेन्स में विफल रहे। आखिरी प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचे, लेकिन ग्यारह नंबर से चूक गए। ये सपना टूटने के बाद जब उन्होंने अपना आत्मविश्लेषण किया, तो उन्हें अपनी छह गलतियां नजर आई।
1. जम्मू कश्मीर के रहने वाले रजत जोश टॉक्स में बताते हैं मैं कॉलेज पासआउट ही हुआ था मैंने यूपीएससी का फॉर्म भर दिया। तीन महीने की तैयारी के बाद प्रीलिम्स दिया। पास भी हो गया। लेकिन मेन्स की तैयारी के लिए तीन महीने का समय बहुत कम था। मेरा ये वाला अटेंम्प्ट बेकार हो गया। किसी भी अभ्यर्थी को अगर किसी स्टेज पर समस्या है, तो पहले उसे सुधारें, प्रयास व्यर्थ ना करें।
2. दूसरी गलती थी, मेरा पहले अटेम्प्ट में प्रिलिम्स पहली बार में क्लियर हो गया, लेकिन 2016 में जब प्रिलिम्स दिया, तो फेल हो गया। यानी किसी भी स्टेज को कभी भी हल्के मे ना लें।
3. तीसरी गलती थी, 2017 में मैंने पिछले प्रश्न पत्रों की उपेक्षा की और ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट दिए। जबकि मॉक टेस्ट नॉलेज बेस्ड होता है और यूपीएससी में लॉजिक आधारित पेपर ज्यादा होता है।
4. चौथी गलती थी, मुझ पर तनाव हावी हो गया था। डर लगता था कि कहीं सर्वाइकल की दिक्कत पेपर मे ना होने लगे। मुझे प्रश्न हल करने में समय ज्यादा लगने लगा। फोकस कम होने लगा। बाद के अपने अटेम्ट में मैंने अपनी गलती को समझा और पॉजिटिविटी के साथ एग्जाम दिए।
5. पांचवी गलती थी, पांचवे अटेम्ट में मेरा प्रीलिम्स क्लियर हो गया, लेकिन मेन्स के आंसर अच्छे मेंटर से नहीं जांच करवाए। निबंध को किसी से पढ़वाया नहीं। मैंने यहां गलती की थी।
6. छठी गलती थी अपने आखिरी अटेम्ट में जब मैं इंटरव्यू तक पंहुच गया, तो वहां ओवर एनालिसिस कर दी। कुछ ज्यादा मॉक्स दिए। मेरे दिमाग में क्रिटिकल चीजें चल रही थीं। पर्सनैलिटी टैस्ट में क्रिटिकल रिव्यू ने मुझे नुकसान पहुंचाया।
लाइवहिन्दुस्तान.कॉम

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