हर वर्ष देश के विश्वविद्यालय शोध-कार्य के लिए पीएचडी लिखित परीक्षा का आयोजन करते हैं और प्रतिभाशाली शोध छात्रों का चयन करते हैं। मगर कई ऐसे छात्र भी होते हैं, जो आर्थिक तंगी की वजह से अपना शोध-कार्य पूरी ईमानदारी से नहीं कर पाते। इसलिए केंद्र सरकार से गुजारिश है कि वह शोधरत छात्रों को शोध-कार्य में फेलोशिप देकर उनको प्रोत्साहित करे। किसी क्षेत्र में ज्ञान अथवा सत्यापन हेतु की जाने वाली क्रमबद्ध खोज ही अनुसंधान है। यह प्रक्रिया कई क्रियाओं के मिलने से पूरी होती है, जो परस्पर जुड़ी होती हैं। शोध-कार्य से जो उपलब्धि प्राप्त होती है, वह राष्ट्र के हित में होती है। इसलिए केंद्र सरकार को शोधार्थियों को पर्याप्त आर्थिक सहायता देनी चाहिए।
संजीव कुमार, नरहट, नवादा, बिहार
साभार- हिन्दुस्तान
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