बिहार एक समय ज्ञानियों व विद्वानों की भूमि हुआ करता था। परंतु समय बीतने क साथ-साथ यह गलत कारणों से चर्चा में रहने लगा। ऐसी ही एक वजह है, डिग्री खरीद। हालांकि, यह बुराई देश भर में दिखती है, मगर बिहार चूंकि पिछड़ा राज्य है, इसलिए यहां पर लोगों को आसानी से भरमाया जाता है। यहां के कई गांवों में लोग बिना पढ़ाई किए डाॅक्टरी की फर्जी डिग्री तक कहीं से खदीत लाते हैं, और दूरदराज के इलाकों में निजी क्लिनिक का जाल बिछा लेते हैं। यह अनुचित है। यह भोली-भाली जनता के जीवन से खिलवाड़ है। राज्य सरकार से निवेदन है कि वह इस समस्या पर ध्यान देकर वैसे संस्थानों पर रोक लगाएं, जो ये डिग्रीयां बेचते हैं। इससे सिर्फ योग्य लोग मेडिकल प्रैक्टिस कर सकेंगे, और आम जनता की सेहत के साथ यह घातक खिलवाड़ बंद हो पाएगा।
क्षमता राज, सासाराम
साभार- हिन्दुस्तान
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