बिहार में एक तबका ऐसे शिक्षकों का भी है, जो बिना वेतन पढ़ाते हैं। ये हैं, वित्त-रहित शिक्षक। इनके द्वारा पढ़ाए जाने वाले विद्यार्थी हर साल अच्छी रिजल्ट ला रहे हैं, लेकिन सरकार का इनकी तरफ कोई ध्यान नहीं है। सरकार ने रिजल्ट के आधार पर इन शिक्षकों को अनुदान देने की बात कही थी, मगर हर निर्णय की तरह उसका यह फैसला भी ठंडे बस्ते में है। आज स्थिति यह है कि इन शिक्षकों को बीते आठ वर्षों से न अनुदान मिल रहा है, और न ही वेतन, इसकी वजह से इनके परिवार में भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। बिहार सरकार को इस पर जल्द से जल्द ध्यान देना चाहिए।
प्रशांत कुमार पंकज, वैशाली
साभार - हिन्दुस्तान
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