यूनेस्को ने भारत जैसे ज्यादातर विकासशील देशों में कोरोना संकट के कारण स्कूलों में भारी ड्राॅप आउट की आशंका जताई है। दुनिया के 151 देशों में कोविड आपदा-काल के दौरान करोड़ों स्कूली बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है। भारत भी उनमें से एक है। देश में इस वक्त लगभग 26 करोड छात्र स्कूल जाने वाले हैं। इस कठिन दौर में ऑनलाइन कक्षाएं काफी हद तक कारगर साबित हो रही हैं, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर और ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों के भविष्य का प्रश्न शिक्षाविदों से लेकर अभिभावकों तक को सता रहा है। लिहाजा केंद्र सरकार ने तमाम राज्य सरकारों को कहा है कि जरूरतमंद छात्रों की पहचान करके उन्हें स्मार्टफोन उपलब्ध कराए जाएं, ताकि वंचित तबके के बच्चों की पढ़ाई भी सुचारू ढंग से चलती रहे। कुछ विलंब से ही सही, पर सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय सराहनीय है। सरकारों को जनता की स्वास्थय-सुरक्षा के साथ-साथ बच्चों की श्ज्ञिक्षा पर भी ध्यान केंदित करना होगा। हालांकि, समाज का संपन्न तबका भी अपनी ओर से वंचित विद्यार्थियों की मदद के लिए आगे आए, तो सोने पर सुहागा हो जाएगा।
अरविंद पाराशर, फतेहपुर, उत्तर प्रदेश
साभार हिन्दुस्तान
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