कोरोना महामारी से मानव जीवन का हरेक पहलू प्रभावित हुआ है। ऐसे में, शिक्षा-व्यवस्था में परिवर्तन समय की मांग है। मौजूदा शिक्षा-सत्र पूरी तरह से कोरोना की भेंट चढ़ गया है और विकल्प के तौर पर ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था की गई है। हालांकि, हर जगह ऑनलाइन कक्षा संभव नहीं है। बेशक काॅलेेज व विश्वविद्दालय विद्यार्थियों को कुछ नियमित तरीके से, और कुछ विषयों में पत्राचार से पढ़ाई कराते रहे हैं, लेकिन अभी जिस माध्यम से पढ़ाई हो रही है, वह खुला विश्वविद्यालय की तरह ही है। ऐसे में, सरकार को अब यह निर्णय लेना चाहिए कि हर विश्वविद्यालय खुले विश्वविद्यालय की तरह ऑनलाइन नामांकन ले और विद्यार्थियों को पाठ्य-सामाग्रियां डाक से भेजे, ताकि वे अपने-अपने घर पर ही पढ़ाई कर सकें। परीक्षा भी खुले विश्वविद्यालय के मानकों की तरह आयोजित हो। इस तरह की व्यवस्था होने से बच्चों के सत्र बरबाद नहीं होंगे।
मिथिलेस कुमार, भागलपुर
साभार हिन्दुस्तान
Comments (0)