अमेरिका के 13 हजार स्कूल डिस्ट्रिक्ट छात्रों की उपस्थिति के साथ खुलने के इच्छुक दिख रहे हैं, लेकिन इसके दिशा-निर्देश स्पष्ट होने चाहिए। हाॅटस्पाॅट से बाहर जहां भी संभव हो, उचित सुरक्षा सावधानियां बरतते हुए स्कूलों को खोलने की कोशिश होनी चाहिए। महामारी के समय बच्चों को कक्षाओं में भेजने से सेहत पर कितना जोखिम है, इस बारे में विज्ञान अनिश्चित है, लेकिन तय है कि घर रहने पर नुकसान की आशंका नहीं है। अमेरिका एकेडमी आॅफ पीडियाट्रिक्स ने पिछले महीने एक विश्लेषण मे लिखा था, इन पर्सन लर्निंग अर्थात प्रत्यक्ष शिक्षण का महत्व अच्छी तरह साबित है और पिछले महीनों से स्कूल बंद होने से बच्चों पर नकारात्मक असर के साक्ष्य सामने हैं। कक्षाओं को रद्द करने के बाद बच्चों को पाठ करने और गणित में खासतौर से नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा असर निम्न आय, ग्रामीण और अल्पसंख्यक परिवारों के छात्रों पर पड़ा है। वैसे भी, लगभग एक चैथाई ग्रामीण व छोटे शहरों के स्कूली शिक्षकों से ही उम्मीद थी कि वे अच्छी शिक्षा दे सकेंगे। शिक्षण के अलावा, देश भर में दो करोड़ से अधिक बच्चे पोषण के लिए स्कूल-भोजन पर निर्भर हैं। करीब 20 प्रतिशत बच्चों की उपेक्षा और दुव्र्यवहार के मामलों की पहचान स्कूल के काउंसलर और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा की जाती है। कुछ कहना है, अभी माता-पिता के लिए बच्चों को स्कूल भेजना एक दिल दहलाने वाला निर्णय हो सकता है। बच्चे बीमार पड़े, तो परिवार और दादा-दादी इत्यादि को जोखिम में डाल देंगे। यह अस्थाई, लेकिन ठीक खबर है कि व्यस्कों की तुलना में बच्चों को कोरोना कम हो रहा है। 18 से कम उम्र के अमेरिकयों की कुल आबादी में हिस्सेदारी 22 प्रतिशत है, जबकि इस आबादी में संक्रमण दो प्रतिशत से कम है। लेकिन बच्चों पर कम जोखिम का मतलब यह नहीं कि कोई जोखिम ही न हो। कुछ बच्चों और कक्षा के आकार संबंधी कुछ पाबंदियों के साथ स्कूलों को फिर से खोल दिया गया था। हालांकि, कुछ ही हफ्तों में जब संक्रमण बढ़ा, तो कक्षाओं को फिर बंद करना पड़ा।
यूएसए टुडेे, अमेरिका
साभार हिन्दुस्तान
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