हाल ही में दसवीं और 12वीं के नतीजे आए हैं। विधार्थियों ने बहुत मेहनत की, तो परिणाम भी उसी के अनुरूप बहुत अच्छे रहे हैं। जाहिर है, अच्छे अंक पाने वाले सभी परीक्षार्थियों ने अपने लक्ष्य भी तय कर लिए होंगे। कोई डाॅक्टर बनना चाह रहा होगा, तो कोई इंजीनियर, तो कोई प्रशासनिक अधिकारी। बहुत कम विधार्थियों ने यह सोचा होगा कि वे अनुशासित नागरिक बनकर देश की सेवा करेंगे। बेशक विधार्थी अच्छे अंक पाएं और बेहतर रोजगार व आजीविका का प्रयास करें, पर देश सेवा का संकल्प भी जरूरी है। अंकों तक ही दुनिया नहीं सिमट जानी चाहिए। लक्ष्य जरूर बड़ा रखना चाहिए और वह ऐसा होना चाहिए, जो देश को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने में मदद करे।
सुनील कुमार सिंह, मोदीपुरम, मेरठ
साभार हिन्दुस्तान
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