उच्च शिक्षा में रैंकिंग

भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों की ताजा रैंकिंग हमेशा की तरह सुखद और अनुकरणीय है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंकश् ने गुरुवार को भारतीय शैक्षणिक संस्थानों की एनआईआरएफ रैंकिंग 2020 जारी कर दी और स्वाभाविक ही ओवरऑल कैटेगरी में आईआईटी, मद्रास पहले स्थान पर है। मद्रास स्थित यह इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट योग्यता के सारे मानकों पर अव्वल रहा है। यहां की शिक्षण गुणवत्ता, परिवेश, पाठ्यक्रम, अनुशासन, परिणाम, शोध इत्यादि सभी जरूरी मोर्चे चाकचैबंद हैं। यहां पढ़कर निकले युवाओं की जिंदगी आसान हो जाती है और सबसे अच्छी बात कि यह संस्थान निरंतर अपनी गुणवत्ता बनाए हुए है। इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट की कैटेगरी में भी आईआईटी, मद्रास टॉप पर आया है, तो अचरज नहीं। देश के तमाम इंजीनियरिंग और शिक्षण संस्थानों के प्रबंधकों को एक बार आईआईटी, मद्रास के समग्र शिक्षण स्वरूप का अध्ययन जरूर करना चाहिए। छात्रों की ऐसी बहुत सारी छोटी-छोटी शैक्षणिक और मानसिक जरूरतें होंगी, जिनकी पूर्ति करके यह संस्थान टॉप पर बना हुआ है।


भारतीय विश्वविद्यालयों की बात करें, तो इस कैटेगरी में आईआईएससी, बेंगलुरु की बादशाहत कायम है। दूसरे स्थान पर जेएनयू, दिल्ली और तीसरे पर बीएचयू का होना पूरे देश के लिए गौरव की बात है। ये ऐसे नामी विश्वविद्यालय हैं, जिन पर देश की निगाह टिकती है और इनकी श्रेष्ठता सिद्ध होना, दूसरे तमाम संस्थानों को प्रेरित करता आया है।


हालांकि एक सोचने की बात जरूर है कि इन सूचियों में टॉप पर वर्षों से वही नाम क्यों चले आ रहे हैं? क्या सिर्फ टॉप 15 संस्थान अपनी गुणवत्ता बनाए हुए रैंकिंग में बने हुए हैं? जहां एक ओर, यह सकारात्मक बात है, वहीं दूसरी ओर, इससे यह भी पता चलता है कि उच्च गुणवत्ता के नए संस्थान वांछित गति से सामने नहीं आ रहे हैं। सर्वश्रेष्ठ मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट की कैटेगरी में आईआईएम, अहमदाबाद का अव्वल आना, दूसरे स्थान पर आईआईएम, बेंगलुरु का रहना, इन संस्थानों की बनी हुई गुणवत्ता का प्रमाण है। चिकित्सा मेडिकल कॉलेज कैटेगरी में एम्स, दिल्ली अगर टॉप पर है, तो जाहिर है, उस पर लोगों की निर्भरता का ही यह नतीजा है।


क्या इस रैंकिंग का अंतरराष्ट्रीय महत्व है? हां, ऐसी सूची से दूसरे देशों के छात्रों को भी भारत में शिक्षा की गुणवत्ता केबारे में सूचना मिलती है। हालांकि क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2021 के अनुसार, भारत की ओर से आईआईटी, मुंबई सर्वश्रेष्ठ है, वह विश्व स्तर पर 172वें स्थान पर है। जबकि यही संस्थान भारत की ओवरऑल रैंकिंग में चैथे स्थान पर बताया गया है। विश्व रैंकिंग के पैमानों को हम भले न मानें, लेकिन तब भी हमें यह कोशिश करनी चाहिए कि हम श्रेष्ठता का एक सुनिश्चित पैमाना तय करें और अपने तमाम संस्थानों को उस दिशा में प्रेरित करें। ऐसी सूचियों का विस्तार से विश्लेषण होता है और होना भी चाहिए। जो संस्थान रैंकिंग में पिछड़ गए हैं, उनके प्रबंधकों, शिक्षकों और छात्रों को कतई उदास नहीं होना चाहिए। ध्यान रहे, ये तमाम टॉप संस्थान देश के बमुश्किल 10 शहरों में हैं, जबकि अच्छी पढ़ाई हर जगह संभव है। इसके लिए जरूरी है कि सभी संस्थान और हम पूरी ईमानदारी से कोशिश करें।


साभार हिन्दुस्तान

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