स्कूलों की हालत सुधारने की जरूरत

उत्तराखण्ड के सरकारी स्कूलों की हालात हर साल बदतर होती जा रही है। निजी स्कूलों में बेहतर पढ़ाई के चलते अभिभावक सरकारी स्कूलों से निजी स्कूलों में बच्चों का दाखिला करवा रहें हे। सरकार और शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में छात्रसंख्या बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रहें है, लेकिन इसके बाद भी छात्रसंख्या नहीं बढ़ रही है। जो शिक्षा विभाग के लिए चिंता का विषय है। वहीं बात की जाए शिक्षकों की तो सरकारी स्कूलों में अनुभवी शिक्षक होने के बाद भी बेहतर पढ़ाई क्यों नहीं हो पाती इस पर भी विभाग को गंभीरता से सौचना चाहिए। क्योंकि शिक्षकों को मिलने वाले भारी भरकम वेतन के बावजूद भी सरकारी स्कूलों को बेहतर पढ़ाई नहीं होने की शिकायत अभिभावक अक्सर किया करते है। निजी स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों में भी बेहतर पढ़ाई के लिए जरूरी है कि प्रति शिक्षक के साथ ही प्रत्येक विधालय का हर साल रिकार्ड लिया जाए। बेहतर कार्य न करने वाले शिक्षकों के खिलाफ सरकार और विभाग को एक्शन लेना चाहिए। वहीं सरकारी स्कूलों में यदि कम वेतन और युवाओं को अधिकाधिक मौका मिले तो निजी स्कूलों की भांति जरूर बेहतर शिक्षण कार्य हो सकता है। यदि सरकार और विभाग इस बारे में गंभीर नहीं हुआ तो स्कूल तो रहेंगे।
निकित भट्ट, दुगड्डा, कोटद्वार
साभार जागरण

Comments (0)

Please Login to post a comment
SiteLock
https://www.google.com/url?sa=i&url=https%3A%2F%2Fwww.ritiriwaz.com%2Fpopular-c-v-raman-quotes%2F&psig=AOvVaw0NVq7xxqoDZuJ6MBdGGxs4&ust=1677670082591000&source=images&cd=vfe&ved=0CA8QjRxqFwoTCJj4pp2OuP0CFQAAAAAdAAAAABAE