उत्तराखंड के 95 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में पेयजल सुविधा नहीं है जबकि 1.22 लाख विद्यार्थियों के बैठने के लिए फर्नीचर उपलब्ध नहीं है। दूसरी ओर 578 विद्यालयों में एक भी कंप्यूटर नहीं है। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि शिक्षा विभाग के आंकड़े यह हकीकत बयां कर रहे हैं। पानी, फर्नीचर व कंप्यूटर जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं के अभाव में बच्चों को परेशानी ङोलनी पड़ती है। सरकार हर साल अनावश्यक चीजों पर करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन देश व राज्य के भविष्य के प्रति उन्हें चिंता नहीं है। हालांकि इसको लेकर अब प्रदेश के शिक्षा मंत्री अर¨वद पांडेय ने पेयजल समेत तमाम जरूरी सुविधाओं के लिए अगले वित्तीय वर्ष के बजट में प्रविधान करने के निर्देश दिए हैं। दरअसल प्रत्येक राजकीय माध्यमिक विद्यालय में न्यूनतम तीन कंप्यूटर मुहैया कराए जाने हैं। 383 विद्यालयों में एक और 366 विद्यालयों में दो कंप्यूटर हैं। प्रदेश के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में शौचालय उपलब्ध हैं, लेकिन छात्रसंख्या के मुताबिक पर्याप्त नहीं हैं। हालांकि सामाजिक संस्था हंस फाउंडेशन के सहयोग से इस वित्तीय वर्ष में 38 विद्यालयों में शौचालयों का निर्माण किया गया है।
केएन डोभाल, सरस्वती विहार
साभार जागरण
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