प्रदेश में विभिन्न बोर्ड की परीक्षाएं जल्द ही शुरू होने जा रही हैं। प्रदेश के हर शहर-गांव के बच्चे इन परीक्षाओं में शामिल होते हैं। जिन घरों के बच्चे परीक्षा दे रहे होते हैं उनके स्वजन तो बच्चों की पढ़ाई को लेकर गंभीर हैं। लेकिन जिन परिवारों से कोई बच्चा बोर्ड की परीक्षा में नहीं बैठ रहा होता, उन्हें भी थोड़ा गंभीर होने की आवश्यकता है। दरअसल दसवीं और बारहवीं की परीक्षा के बाद ही बच्चे के भविष्य की नींव पड़ती है। बारहवीं की परीक्षा के बाद बच्चा अपना कॅरियर का फील्ड चुनता है। ऐसे में यह बच्चे उनके स्वजनों ही नहीं ब्लकि पूरे देश का भविष्य होते है। हमें कोई बड़ा काम नहीं करना है बल्कि छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर हम इन परीक्षार्थियों की मदद कर सकते हैं। हमें पता होता है कि हमारे पास-पड़ोस का कौन सा बच्चा दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में शामिल हो रहा है तो सबसे पहले हमें अपने घर का माहौल ऐसा करना होगा ताकि उस बच्चे को पढ़ाई करने में कोई दिक्कत ना हो। हम अपने घर टीवी और अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों की आवाज इतनी कम रखें कि उनकी पढ़ाई में बाधा न हो।
डॉ. दीपा अग्रवाल, सीएलडी कॉलेज, लंढौरा
साभार जागरण
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