प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालात साल दर साल बदतर होती जा रही है। निजी स्कूलों में बेहतर पढ़ाई के चलते अभिभावक सरकारी स्कूलों से निजी स्कूलों में बच्चों का दाखिला करवा रहें है। सरकार और शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में छात्रसंख्या बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम जरूर चला रहें है, लेकिन इसके बाद भी छात्रसंख्या नहीं रुक रही है। जो शिक्षा विभाग के लिए चिंता का विषय है। वहीं बात की जाए शिक्षकों की तो सरकारी स्कूलों में अनुभवी शिक्षक होने के बाद भी बेहतर पढ़ाई नहीं हो पाती। विभाग को इस बारे गंभीर होना जरूरी है। क्योंकि शिक्षकों को मिलने वाले भारी भरकम वेतन के बावजूद भी सरकारी स्कूलों में बेहतर पढ़ाई नहीं होने की शिकायत अभिभावक अक्सर करते हैं। निजी स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों में भी बेहतर पढ़ाई के लिए जरूरी है कि प्रति शिक्षक के साथ ही प्रत्येक विद्यालय का हर साल रिकॉर्ड लिया जाए। रिकॉर्ड के तहत बेहतर सेवा न देने वाले शिक्षकों के प्रति सरकार और विभाग को एक्शन उठाना चाहिए।
शिवानी पांडे, देहरादून
साभार जागरण
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