प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग की ओर से पुस्तकदान योजना शुरू की गई है। इस योजना का लाभ उन बच्चों को मिलता है जो पढ़ना चाहते हैं लेकिन पुस्तक नहीं खरीद पाते हैं। जरा गौर कीजिए आपके घर में, आपके आसपास ऐसी, कितनी पुस्तकें आपको दिखाई देती होंगी, जो बरसों से यूं ही रखी हैं। जिनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है। उन पर धूल सनी है और वो रखरखाव को तरस रही हैं। अब दूसरी तस्वीर देखिए। ऐसे ब‘चे भी आपको दिखाई देते होंगे, जो रोज स्कूल जाते हैं, वो पढ़ना चाहते हैं लेकिन उनके पास पुस्तकें नहीं हैं। बस हमें इन दोनों तस्वीरों को जोड़ना है। हमारे पास पुस्तकें हैं तो उन्हें उन बच्चों तक पहुंचाना है, जिन्हें उनकी जरूरत है। अगर आप इससे आगे बढ़कर मदद करना चाहते हैं तो अपने आसपास के स्कूल-कॉलेजों में जाकर ऐसे बच्चों की जानकारी हासिल करें, जिन्हें पुस्तकें चाहिए।
डॉ. दीपा अग्रवाल, हरिद्वार
साभार जागरण
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