उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों की हालात हर साल बदतर होती जा रही है। निजी स्कूलों में बेहतर पढ़ाई के चलते अभिभावक सरकारी स्कूलों से निजी स्कूलों में बच्चों का दाखिला करवा रहें है। सरकार और शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में छात्रसंख्या बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम चला रहें है, लेकिन इसके बाद भी छात्रसंख्या नहीं रुक रही है। वहीं बात की जाए शिक्षकों की तो सरकारी स्कूलों में अनुभवी शिक्षक होने के बाद भी बेहतर पढ़ाई क्यों नहीं हो पाती इस बात को भी विभाग को गंभीरता से सोचना चाहिए।
अमित कुमार, खड़खड़ी, हरिद्वार
साभार हिन्दुस्तान
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