उत्तराखंड में फैकल्टियों के अभाव के बावजूद भी उच्च शिक्षा बेहतर है। यहां महाविद्यालयों में हर जनपद में प्रत्येक राजकीय महाविद्यालयों से लेकर विश्वविद्यालयों में भवन से लेकर प्राध्यापकों की कमी है। लेकिन संशाधनों में अभाव में बेहतर परिणाम निकलना कहीं न कहीं यहां के छात्रों की बौद्धिक क्षमता का परिचायक है। चुंकि यहां की विषम भौगोलिक परिस्थितियां होने के चलते छात्र कड़ा संघर्ष करते हैं। बावजूद इसके सरकार यहां प्राथमिक स्तर से लेकर उच्च शिक्षा पर जरा भी गौर नहीं कर रही है।
राजेश्वर उनियाल, गणेश विहार
साभार जागरण
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