शिक्षक की भूमिका

बेहतर शिक्षक ही कर सकेंगे कायाकल्प शीर्षक से लिखे अपने लेख में जगमोहन सिंह राजपूत ने भारत के भविष्य निर्माण में शिक्षक की भूमिका को अहम माना है। निःसंदेह आज देश यदि प्रगति के पथ पर है तो उसमें शिक्षकों के योगदान और समर्पण को भुलाया नहीं जा सकता। शिक्षा एक ऐसा मापदंड है जिससे किसी देश की प्रगति को मापा जा सकता है। शिक्षा को बेहतर करने की परिकल्पना बगैर शिक्षक के तो की ही नहीं जा सकती। शिक्षक को यदि गैर शैक्षणिक कार्यो से मुक्त रखा जाए तो निश्चय ही शिक्षक अपना शत प्रतिशत योगदान शिक्षा के स्तर को उठाने में लगाएगा। प्रतिभावना छात्र को उसके छात्र जीवन से ही शिक्षक बनने की प्रेरणा दी जाए तो बेहतर परिणाम निकल सकते है। नई शिक्षा नीति में 2022 तक पैरा टीचर्स, शिक्षा कर्मी और शिक्षा मित्र को बंद करने का प्रस्ताव साहसिक जरूर हो सकता है, लेकिन मानवीय नहीं होगा। इसलिए उन्हें हटाने के बजाय शिक्षा का अंग बनाए रखना एंव उनके जीवनकोपार्जन के लिए आर्थिक संरक्षण प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है।


सर्वजीत आर्या, प्रधानाचार्य, कन्नौज
साभार जागरण

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