छात्रवृत्ति पर घोटालेबाजों की नजरें

सरलता से शिक्षा के पायदान पार करने के लिए राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की व्यवस्था की हुई है, लेकिन घोटालेबाज इस पर भी अपनी निगाहें गढ़ाए होते हैं, जो आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर लोगों के हक पर डाका डालने से भी नहीं चूक रहे हैं। हालिया समय की बात करें तो हरिद्वार के जिला समाज कल्याण अधिकारी रहे अनुराग शंखधर पर छात्रवृत्ति घोटाले में करोड़ों के गबन और भ्रष्टाचार का आरोप है। लगातार नोटिस जारी करने के बावजूद अनुराग एसआइटी के सामने पेश नहीं हो रहे थे। एसआइटी से बचने के लिए उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मगर हाईकोर्ट ने अनुराग शंखधर को 10 दिन के भीतर एसआइटी के सामने पेश होने के आदेश दिए। इस घटना से साफ है कि जिनके कंधों पर समाज की भलाई की जिम्मेदारी है वो ही लोग समाज को खोखला करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अगर ये ही सब चलता रहा तो गरीब और मजदूरों के बच्चों को उनका वाजिब हक कैसे मिलेगा। बिना शिक्षा के वो अपने सपने कैसे पूरे करेंगे। चुनौतीपूर्ण हालातों के बीच छात्र-छात्रओं में शिक्षा का उजाला कैसे आएगा। सरकार को अब छात्रवृत्ति को लेकर अधिक पारदर्शी व्यवस्था करने होगी, ताकि कोई अपने पद का दुरुपयोग नहीं कर सके। हरिद्वार की घटना हमारे सिस्टम को अगाह करने के लिए काफी है कि वो इन मामलों पर तेजी से कड़े कदम उठाएं, जिससे अपराधी छात्र-छात्रों का हक नहीं मार सकें।


उमेश भंडारी, घेस, देवाल
साभार जागरण

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