नंबरों की होड़ रोकने की जरूरत शीर्षक लेख के तहत डॉ. संजीव राय ने देश के विभिन्न शिक्षा बोर्डो में विद्यार्थियों के आए शानदार अंकों पर नकारात्मक विचार रखते हुए सुझाव दिए कि परीक्षा में आए अच्छे अंकों को महत्व नहीं दिया जाना चाहिए, लेकिन लेखक से यह सवाल है कि अगर नंबरों की होड़ परीक्षाओं में रोक दी गई, तो क्या विद्यार्थी पढ़ाई के प्रति लापरवाही नहीं बरतेंगे? नंबरों की प्रतिस्पर्धा ही तो विद्यार्थियों को पढ़ाई के प्रति गंभीर होना सिखाती है, अगर मात्र पास होने ही योग्य नंबर लाने हों तो शायद पढ़ाई की तरफ गंभीरता दिखाने की जरूरत ही न हो? पिछले कुछ दिनों में जो विभिन्न परीक्षा बोर्डो के परिणामों में कुछ विद्यार्थियों के शानदार अंक आए, उन पर सवाल खड़े कर कुछ बुद्धिजीवी होनहार बच्चों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाने का काम कर रहे। न जाने शानदार अंक प्राप्त करने के लिए इन विद्यार्थियों ने कितनी मेहनत की हो। जो ऐसे होनहार विद्यार्थियो पर सवाल खड़े कर रहे, उनसे सवाल की सभी विद्यार्थियों के परीक्षा में शत प्रतिशत अंक या बहुत कम क्यों आते, शायद इसलिए क्योंकि सभी पढ़ाई की तरफ ध्यान नहीं देते। अगर परीक्षा में अच्छे अंकों से विद्यार्थियों की काबिलयत का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता तो फिर कैसे लगाया जाए?
राजेश कुमार चैहान, जालंधर
साभार जागरण
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