नेशनल इंस्टीटयूट रैंकिंग फ्रेमवर्क 2019 की रैंकिंग में दिल्ली विश्वविधालय पहले से अधिक पिछडता नजर आया। देश के अलग-अलग हिस्सों में छात्र-छात्राएं दिल्ली विश्वविधालय को सर्वश्रेष्ठ विश्वविधालय मानकर इसमें दाखिला लेने का सपना देखते हैं। मगर विश्वविधालय की वर्तमान स्थिति बताती है कि हम उन कई चीजों को अनदेखा कर रहे हैं, जो लगातार इसके पिछड़ने का कारण बन रही हैं। शिक्षा की गुणवत्ता और संसाधनों का इस तरह से लगातार कम होना यह सवाल पैदा करता है कि कहीं दिल्ली विश्वविधालय नाम भर का विश्वविधालय न रह जाए? विश्वविधालय प्रशासन को इस मसले पर संजीदा होना चाहिए।
अरुण कश्यप, सत्यवती कॉलेज
साभार हिन्दुस्तान
Comments (0)