सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कई अच्छे निर्णय ले रही है। मसलन योग्य और प्रतियोगिता के जरिये निकले शिक्षकों की तैनाती कर रही है। एक निश्चित दूरी पर विद्यालय खुले हैं। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए पुस्तकों और पहनावे का प्रावधान कर रही है। प्राइमरी स्तर तक मध्याह्न् भोजन का प्रबंध कर रही है। यहां तक कि दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षकों की शत-प्रतिशत तैनाती के लिए नियुक्ति एवं ट्रांसफर नीति में भी कड़े प्रावधान कर रही है। लेकिन इन सबके बावजूद अभी भी शिक्षा के स्तर में संतोषजनक सुधार नहीं आया है और सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या दिनों दिन घटती जा रही है। असल में सवाल शिक्षा के गिरते स्तर का है ही नहीं। सवाल है तो बस सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने का। शिक्षा के क्षेत्र में जो मुख्य चुनौती है वह छात्र संख्या दिनोंदिन घटने की है।
मनेंद्र नेगी, नई टिहरी
साभार जागरण
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