जीवन के इस मुकाम पर पीछे मुड़कर देखता हूं, तो कई अक्स उभरते हैं। बंटवारे के बाद हिंदुस्तान आए मेरे परिवार का संघर्ष, बचपन के सपने, तालीम और रोजी-रोटी की खातिर जद्दोजहद, स्वयंसेवक-प्रचारक की समर्पित भूमिकाएं और फिर जीवन का पहला चुनाव, पहली जीत और पहली बार में ही मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी। मैं मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा नहीं हुआ था। एक-एक सीढ़ी संघर्ष से चढ़ा। इसलिए उपलब्धियां अहंकार नहीं पैदा करतीं, उत्तरदायित्व की याद दिलाती हैं।
मुझे बचपन की एक घटना हमेशा प्रेरित करती है। तब मैं पांचवीं कक्षा में प्रवेश कर रहा था। प्रधानाचार्य ने अपने संबोधन में लालबहादुर शास्त्री, अब्राहम लिंकन, जीजाबाई, झांसी की रानी के उदाहरण देते हुए उन जैसा बनने की प्रेरणा दी। मुझे हंसी आ गई। प्रधानाचार्य ने बाद में मुझे बुलाकर पूछा कि मैं क्यों हंस रहा था। मैंने डरते हुए कहा कि हम जैसे सामान्य गांव के बच्चे इतने बड़े कैसे बन सकते हैं? फिर उन्होंने इन महापुरुषों के जीवन संघर्षों के बारे में बताया। उसी दिन मैंने ठान लिया था कि जीवन में कुछ अलग हटकर देश और समाज के लिए करूंगा।
बड़ी कुर्सी बड़ा उत्तरदायित्व लाती है। समाज के सपने, सरकार के लक्ष्य हो जाते हैं। और जैसा कि कहते हैं, सपने वही जो आपको सोने न दें। अब सुबह पांच बजे दिनचर्या शुरू हो जाती है। साढ़े आठ बजे निजी स्टाफ की बैठक कर उन्हें काम सौंपता हूं। दस बजे सचिवालय में सरकारी बैठकों का दौर शुरू हो जाता है। फील्ड में रैलियां करने से लेकर, लोगों से मिलना। एक दिन में इतना कुछ करना होता है कि दिन छोटा लगने लगता है। इसीलिए कम सोता हूं, जिससे अधिक काम कर सकूं।
मुख्यमंत्री का कार्यालय फूलों की सेज नहीं होता। दो वर्ष का अब तक का कार्यकाल चुनौतियों से जूझते हुए बीता है। बड़े झंझावातों से निपटने के बाद अब सृजन का दौर आया है। सरकार की पहले साल की योजनाएं दूसरे साल में आकार लेने लगी हैं। हरियाणा में ऑनलाइन सेवाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। हमने बेटी बचाने और बेटी पढ़ाने का जिम्मा उठाया। उसके परिणाम सामने आ रहे हैं। लिंगानुपात का स्तर सुधर रहा है। प्रधानमंत्री ने इस कार्य को लेकर हरियाणा की कार्यप्रणाली की दो बार प्रशंसा की है। प्रदेश में निर्बाध बिजली देना बड़ी चुनौती है। पचास वर्ष से चला आ रहा सिस्टम एकदम से बदलने में दिक्कत होती है, पर हमने बिजली के बिल भरने के लिए जनता को जिम्मेदार बनाना शुरू किया है। जिम्मेदारी का यह भाव धीरे-धीरे बढ़ रहा है। पहले की सरकारें यह नहीं कर सकीं। उल्टे नेता कहते थे कि बिल भरने की जरूरत नहीं है। हमने कहा, बिजली उसी को मिलेगी, जो बिल भरेगा। गांव के लोग अपने यहां तार बदलवाएं, कुंडी कनेक्शन न बनाएं। विधिवत कनेक्शन लें, बिल भरें, उन्हें हम धीरे-धीरे बढ़ाते हुए भविष्य में 24 घंटे बिजली देंगे।
गांव से लेकर शहर तक के विकास का रोडमैप तैयार है। एक नई योजना बनी है, जिसके तहत सरकार हर गांव के बाहर गौरवपट्ट के नाम से शिलालेख लगाएगी। उस पर गांव के शहीदों के नाम, इतिहास और जनसंख्या, गांव की उपलब्धियां आदि अंकित होगी। शहरों के विकास का बड़ा जरिया उद्योग होंगे। उद्योगों से ही कौशल विकास को गति मिलेगी और हरियाणा तरक्की की सीढ़ियां चढ़ता जाएगा। देश-विदेश में फैले हरियाणा के निवासियों का रिकॉर्ड इकट्ठा किया जा रहा है। हरियाणा के नवसृजन में ये हस्तियां भी अपना योगदान करेंगी। मुझे पूरा विश्वास है कि 'हरियाणा एक-हरियाणवी एक' के नारे के साथ हरियाणा बुलंदियों को छुएगा।
हरियाणा किसानों की धरती है। मैं किसान पुत्र हूं। इस नाते किसान के दर्द को भली-भांति समझता हूं। राज्य में जमीन की जोत छोटी हुई है। भूमिगत जलस्तर नीचे चला गया है। खेती में इस्तेमाल होने वाले इनपुट महंगे हो गए हैं। किसानों की चुनौतियां बढ़ी हैं। उन्हें उनसे बाहर निकलना मेरी सरकार की प्राथमिकता है। हरियाणा दुग्ध संपन्न प्रदेश है। यहां खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की अपार संभावनाएं हैं। पानी की चिंता राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी पानी के सवाल को कई बार 'मन की बात' में कह चुके हैं। हमने हरियाणा के तमाम तालाबों के पुनर्जीवन का काम शुरू किया है। साथ ही, भूमिगत जलस्तर को ऊपर लाने के लिए कई बड़ी झीलें बनाने का निर्णय किया है।
वीर भोग्या वसुंधरा वाला मेरा राज्य सैनिकों की खान है। अभी तक के सभी युद्ध में शहीद होने वाले जवानों की संख्या सर्वाधिक है। मेरे राज्य का युवा बलवान और आचरणवान बने, इस दिशा में हमने गीता के कर्मयोग के साथ गांव-गांव में योगशाला स्थापित की है। पंच परमेश्वर की परंपरा वाला हरियाणा भाईचारे के लिए विख्यात रहा है। पंचायतें और मजबूत हों, उनमें सभी समुदायों की बराबर की भागीदारी हो, इस दिशा में पढ़ी-लिखी पंचायतें पूरे विश्व के समक्ष उदाहरण हैं। कल तक जो लड़कियां घरों तक सीमित रहती थीं, आज वे गांव के विकास की दशा-दिशा तय करती हैं। अब कोई किसी निरक्षर सरपंच को बहका कर उस से भ्रष्टाचार नहीं करवा सकता।
कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से हजारों युवाओं को न केवल रोजगार मिला है, बल्कि इनके माध्यम से लाखों ग्रामीण युवक सूचना प्रौद्योगिकी से रूबरू हो रहे हैं। जाति प्रमाण पत्र बनवाने, लाइसेंस रिन्यूअल, मूल निवास प्रमाण पत्र जैसे छोटे-छोटे कामों के लिए अब ग्रामीणों को शहर का रुख नहीं करना पड़ रहा है।
मेरा अटूट विश्वास है कि सरकार और समाज मिलकर ही परिवर्तन ला सकते हैं। जनता का विश्वास अपने नेताओं पर फिर से स्थापित हो, यही मेरा सपना, मेरा लक्ष्य है
बड़ी कुर्सी बड़ा उत्तरदायित्व लाती है। समाज के सपने, सरकार के लक्ष्य हो जाते हैं। और जैसा कि कहते हैं, सपने वही जो आपको सोने न दें। अब सुबह पांच बजे दिनचर्या शुरू हो जाती है। साढ़े आठ बजे निजी स्टाफ की बैठक कर उन्हें काम सौंपता हूं। दस बजे सचिवालय में सरकारी बैठकों का दौर शुरू हो जाता है। फील्ड में रैलियां करने से लेकर, लोगों से मिलना। एक दिन में इतना कुछ करना होता है कि दिन छोटा लगने लगता है। इसीलिए कम सोता हूं, जिससे अधिक काम कर सकूं।
मुख्यमंत्री का कार्यालय फूलों की सेज नहीं होता। दो वर्ष का अब तक का कार्यकाल चुनौतियों से जूझते हुए बीता है। बड़े झंझावातों से निपटने के बाद अब सृजन का दौर आया है। सरकार की पहले साल की योजनाएं दूसरे साल में आकार लेने लगी हैं। हरियाणा में ऑनलाइन सेवाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। हमने बेटी बचाने और बेटी पढ़ाने का जिम्मा उठाया। उसके परिणाम सामने आ रहे हैं। लिंगानुपात का स्तर सुधर रहा है। प्रधानमंत्री ने इस कार्य को लेकर हरियाणा की कार्यप्रणाली की दो बार प्रशंसा की है। प्रदेश में निर्बाध बिजली देना बड़ी चुनौती है। पचास वर्ष से चला आ रहा सिस्टम एकदम से बदलने में दिक्कत होती है, पर हमने बिजली के बिल भरने के लिए जनता को जिम्मेदार बनाना शुरू किया है। जिम्मेदारी का यह भाव धीरे-धीरे बढ़ रहा है। पहले की सरकारें यह नहीं कर सकीं। उल्टे नेता कहते थे कि बिल भरने की जरूरत नहीं है। हमने कहा, बिजली उसी को मिलेगी, जो बिल भरेगा। गांव के लोग अपने यहां तार बदलवाएं, कुंडी कनेक्शन न बनाएं। विधिवत कनेक्शन लें, बिल भरें, उन्हें हम धीरे-धीरे बढ़ाते हुए भविष्य में 24 घंटे बिजली देंगे।
गांव से लेकर शहर तक के विकास का रोडमैप तैयार है। एक नई योजना बनी है, जिसके तहत सरकार हर गांव के बाहर गौरवपट्ट के नाम से शिलालेख लगाएगी। उस पर गांव के शहीदों के नाम, इतिहास और जनसंख्या, गांव की उपलब्धियां आदि अंकित होगी। शहरों के विकास का बड़ा जरिया उद्योग होंगे। उद्योगों से ही कौशल विकास को गति मिलेगी और हरियाणा तरक्की की सीढ़ियां चढ़ता जाएगा। देश-विदेश में फैले हरियाणा के निवासियों का रिकॉर्ड इकट्ठा किया जा रहा है। हरियाणा के नवसृजन में ये हस्तियां भी अपना योगदान करेंगी। मुझे पूरा विश्वास है कि 'हरियाणा एक-हरियाणवी एक' के नारे के साथ हरियाणा बुलंदियों को छुएगा।
हरियाणा किसानों की धरती है। मैं किसान पुत्र हूं। इस नाते किसान के दर्द को भली-भांति समझता हूं। राज्य में जमीन की जोत छोटी हुई है। भूमिगत जलस्तर नीचे चला गया है। खेती में इस्तेमाल होने वाले इनपुट महंगे हो गए हैं। किसानों की चुनौतियां बढ़ी हैं। उन्हें उनसे बाहर निकलना मेरी सरकार की प्राथमिकता है। हरियाणा दुग्ध संपन्न प्रदेश है। यहां खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की अपार संभावनाएं हैं। पानी की चिंता राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी पानी के सवाल को कई बार 'मन की बात' में कह चुके हैं। हमने हरियाणा के तमाम तालाबों के पुनर्जीवन का काम शुरू किया है। साथ ही, भूमिगत जलस्तर को ऊपर लाने के लिए कई बड़ी झीलें बनाने का निर्णय किया है।
वीर भोग्या वसुंधरा वाला मेरा राज्य सैनिकों की खान है। अभी तक के सभी युद्ध में शहीद होने वाले जवानों की संख्या सर्वाधिक है। मेरे राज्य का युवा बलवान और आचरणवान बने, इस दिशा में हमने गीता के कर्मयोग के साथ गांव-गांव में योगशाला स्थापित की है। पंच परमेश्वर की परंपरा वाला हरियाणा भाईचारे के लिए विख्यात रहा है। पंचायतें और मजबूत हों, उनमें सभी समुदायों की बराबर की भागीदारी हो, इस दिशा में पढ़ी-लिखी पंचायतें पूरे विश्व के समक्ष उदाहरण हैं। कल तक जो लड़कियां घरों तक सीमित रहती थीं, आज वे गांव के विकास की दशा-दिशा तय करती हैं। अब कोई किसी निरक्षर सरपंच को बहका कर उस से भ्रष्टाचार नहीं करवा सकता।
कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से हजारों युवाओं को न केवल रोजगार मिला है, बल्कि इनके माध्यम से लाखों ग्रामीण युवक सूचना प्रौद्योगिकी से रूबरू हो रहे हैं। जाति प्रमाण पत्र बनवाने, लाइसेंस रिन्यूअल, मूल निवास प्रमाण पत्र जैसे छोटे-छोटे कामों के लिए अब ग्रामीणों को शहर का रुख नहीं करना पड़ रहा है।
मेरा अटूट विश्वास है कि सरकार और समाज मिलकर ही परिवर्तन ला सकते हैं। जनता का विश्वास अपने नेताओं पर फिर से स्थापित हो, यही मेरा सपना, मेरा लक्ष्य है
लेखक मनोहर लाल मुख्यमंत्री हरियाणा
साभार- अमर उजाला
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