दूर की तालीम की रोशनी


यूनेस्को की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि टिकाऊ विकास एजेंडा की नजर से देखें तो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय दुनिया के तामम बच्चों और लोगों को शिक्षा मुहैया कराने के लक्ष्य में पचास साल पीछे चल रहा है। यह वहीं विकास लक्ष्य है, जिसमें दुनिया भर में गरीबी को साल 2030 तक दूर करने , जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने और सभी को गुणवत्ता वाली शिक्षा मुहैया कराने की बात कहीं गई है। इन सतत विकास लक्ष्यों को संयुक्त राष्ट्र में सितंबर 2015 में अपनाया गया था। वैश्विक शिक्षा निगरानी रिपोर्ट में कहा गया है कि यहीं हाल रहा तो 2030 तक वैश्विक शिक्षा का संकल्प पूरा होने वाला नहीं है। दीगर है कि शिक्षा में ही यह ताकत है कि वह संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक लक्ष्यों को हासिल करने में निर्णायक मदद कर सकती है। मगर ऐसा करने के लिए शिक्षा विस्तार जरूरी है, और यह बहुत बड़े बदलाव के बिना संभव नहीं । अफगान प्रशिक्षण संस्थान की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. सकीना याकूबी की मानें तो शिक्षा विस्तार में पर्यावरण का मुद्दा भी शामिल करना बहुत जरूरी है, क्योंकि जब तक बच्चों को हरित पर्यावरण के बारे में जागरूक नहीं बनाया जाएगा यह लक्ष्य हासिल करना आसान नहीं होगा। शिक्षा का संबंध पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से भी है। मगर विशेषज्ञों की मानें तो कई देश ऐसे हैं जहां शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण स्थिरता जैसे विषयों को शामिल ही नहीं किया गया है।
महबूब खान
साभार -हिन्दी दैनिक हिन्दुस्तान

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