गुरु का हमारे जीवन में क्या महत्व है, इसे तो सभी जानते हैं। गुरु वह व्यक्ति है, जो हमारे संपूर्ण जीवन को ज्ञान के मोती से धनवान बना देता है। गरु और शिष्य का रिश्ता बहुत ही अनमोल और पवित्र होता है। गुरु अपने शिष्य की सभी कमजोरियों को जानता है। इसीलिए वह उन कमियों को दूर कर शिष्य को एक बेहतर जीवन जीने की सीख देता है और उसे काबिल बनाता है। लेकिन वर्तमान युग में गुरु और शिष्य के बीच के इस पवित्र रिश्ते की परिभाषा ही बदल गई है। शिष्य अपने गुरु को गुरु नहीं मानते और गुरु अपने शिष्य को शिष्य। शायद यही कारण है कि आए दिन हम गुरु-शिष्य से संबंधित कुछ ऐसी घटनाओं को सुनते रहते हैं, जो हमें झकझोर कर रख देती हैं। हालांकि सभी एक जैसे नहीं है। शायद अभी भी इस रिश्ते पर कहीं न कहीं विश्वास कायम है, लेकिन इस विकट समय में हमें मर्यादाओं को समझना होगा और अपनी संस्कृति को याद रखना होगा।
अनिता बिष्ट, देहरादून
साभार जागरण
Comments (0)