प्रदेशभर में स्कूली बच्चों से बढ़ रही छेड़छाड़ की घटनाएं चिंताजनक हैं। विद्यालय हो या फिर स्कूली वाहन छात्र कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। स्थिति ये है कि अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से भी कतरा रहे हैं। देहरादून के जीआरडी वल्र्ड स्कूल में जिस तरह नाबालिक छात्र के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया वह इस बात की तस्तीक करता है कि बच्चों की सुरक्षा कितनी जरूरी हो गई है। कल्पना करिये जब शहरों में ही ऐसा हाल है तो पहाड़ों में दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों का क्या हाल होगा। यह स्थिति तब है जब बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। सरकार को सबसे पहले हर स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए। स्कूल की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए। हाईकोर्ट नैनीताल ने भी छात्रओं की असुरक्षा को देखते हुए निजी स्कूल प्रबंधकों को स्कूली वाहनों में महिला कर्मचारियों की तैनाती व सीसीटीवी और जीपीएस सिस्टम लगाने के आदेश दिए हैं। हालांकि त्रिवेंद्र सरकार ने जिस तरह जीआरडी स्कूल की सीबीएसई से मान्यता रद कराई वह काबिलेतारीफ है। उम्मीद है कि सरकार प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों की भी सुध लेगी।
हिमांशु, देहरादून
साभार जागरण
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