उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने स्वतंत्रता दिवस से पहले स्कूली बच्चों से मुलाकात की और कहा कि नौनिहालों को देश का जिम्मेदार नागरिक बनाया जाना चाहिए। उन्होंने बच्चों को मां, मातृभूमि और मातृभाषा के बारे में पढ़ाने की बात कही। उनका कहना था कि बच्चों की शुरुआती शिक्षा यदि मातृभाषा में हो, तो उनकी समझ का आधार मजबूत बनता है। इस लिहाज से हमारे लिए अब यह जरूरी हो जाता है कि हिंदी में ही बुनियादी शिक्षा दी जाए। इसी भाषा का हर जगह प्रयोग हो। भारत के अलावा शायद ही कोई दूसरा ऐसा देश होगा, जो अपनी मूल भाषा का इस तरह अपमान करता होगा। अगर हमें अपने भविष्य को संवारना है, तो निचली कक्षाओं में हिंदी मे पठन-पाठन को ही अनिवार्य बनाना होगा।
राकेश कौशिक, नानौता, सहारनपुर
साभार हिन्दुस्तान
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