बिहार के वे सभी विद्यार्थी परेशान हैं, जो स्नातक या इंटरमीडिएट में दाखिला लेना चाहते हैं। इसकी वजह, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का रवैया है। समिति अब तक नामांकन के लिए कॉलेज का चुनाव और तकनीकी सुविधा उपलब्ध नहीं करा पाई है, जबकि मैट्रिक व इंटर के रिजल्ट आए दो माह गुजर चुके हैं। विद्यार्थी कॉलेजों के चक्कर काट रहे हैं, तो विभिन्न मंचों से भी सवाल उठाया जा रहा है। अगर सही समय पर नामांकन नहीं हो सका, तो छात्र-छात्राओं में कॉलेज और विश्वविद्यालय के प्रति आक्रोश शुरू हो जाएगा। समय पर नामांकन नहीं होने से सत्र लेट होने की आशंका भी होगी। साफ है, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को गंभीरता दिखानी होगी। अगर अब भी वह संजीदा नहीं होगी, तो उसकी मंशा पर सवाल उठने लगेंगे।
नितेश कुमार सिन्हा, मोतिहारी
साभार हिन्दुस्तान
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