लेखन से होगी सुखद अनुभूति मिलेगा सुकून

यदि आपको लगता है कि फिल्म देखने जाने के लिए आपको देर हो गई है, तो आप थियेटर की तरफ तेजी से चलते हैं, पर तेजी से चलने की यही वजह नहीं हो सकती। इसी तरह लेखन आपको आंतरिक रूप से बदल देता है। और निश्चित रूप से लेखन से एक सुखद अनुभूति होती है और आप यह कह सकते हैं कि इससे सुकून मिलता है। लेकिन वास्तव में कोई सुकून पाने के लिए नहीं लिखता, बल्कि लिखने के लिए लिखता है। उपन्यास या कहानी लिखने के अन्य फायदे भी हैं। मैं इसे बेहद हास्यास्पद मानती हूं कि हम लोग अलग-अलग मनुष्यों मे बंटे हैं और यह कि आपका भौतिक आत्म, आपकी शारीरिक विशेषता, आपका अतीत और आपका जन्मस्थान यह निर्धारित करे कि वास्तव में आप कौन हैं। ये सारी चीजें आपके अंदर निहित होती हैं। कम से कम मेरे लिए लिखने का असली मजा पहले से उपलब्ध चीजों को साहित्यिक बनाने के अनुभव में है। अविश्वसनीय रूप से एक बड़ी पूंजी हमारे पास है-हमारी शब्दावली, हमारा व्याकरण, कागजों पर अमूर्त प्रतीक हमारी अभिव्यक्ति क्षमता की सीमांए। आप कुछ भी लिखते हैं, तो यह आपको अजीब, तुच्छ और कृत्रिम लगता है, लेकिन थोडे़ से प्रयास से आप इसे लचीला और पारदर्शी बना सकते हैं। जिन चीजों को आपने पहले बेतरतीब रखा था, उन्हें बेहतर बना सकते हैं। जब आप कोई अल्पविराम जोड़ते हैं या शब्दों को घटाते या जोड़ते हैं, तो चीजे बदल जाती हैं।


                                                                                                                                                                                                                                      मशहूर अमेरिकी लेखिका


                                                                                                                                                                                                                                       (डेबोरा आइसेबर्ग)

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