सरकार का निजी स्कूलों में सीधा दखल होगा
राज्य के छह हजार से ज्यादा प्राइवेट और अन्य स्कूलों में अब सरकार का सीधा दखल रहेगा। आईसीएसई, सीबीएसई और भारत शिक्षा बोर्ड से मान्यताप्राप्त सभी स्कूलों की प्रबंधन समिति में शिक्षा निदेशक के प्रतिनिधि के रूप में एक-एक सरकारी सदस्य की नियुक्ति की जाएगी। यह सरकारी सदस्य स्कूल के पांच किलोमीटर के दायरे में स्थित सरकारी सदस्य स्कूल के पांच किलोमीटर के दायरे में स्थित सरकारी स्कूल का वरिष्ठ प्रधानाचार्य होगा।
सूत्रों के अनुसार मनमानी फीस बढ़ोतरी, महंगी किताबों का खेल और एनसीईआरटी किताबों की अनदेखी की शिक्कायतों को देखते हुए यह निर्णय किया गया है। अपर निदेशक-माध्यमिक महावीर सिंह बिष्ट ने सभी सीईओ को इस बाबत आदेश किए हैं। सभी सीईओ को प्रबंध समिति में नियुक्ति की कार्यवाही तत्काल शुरू करने को कहा गया है। बिष्ट ने बताया कि राज्य में पहली बार यह व्यवस्था की जा रही है। पहले स्कूल प्रबंध समितियों के चुनाव के लिए जरूर सरकारी प्रतिनिधि मांगते थे। लेकिन अब से हर स्कूल की प्रबंध समिति में एक प्रधानाचार्य शिक्षा निदेशक के प्रतिनिधि के रूप में शामिल रहेगा। सूत्रों के अनुसार स्कूल में नीतिगत निर्णयों में उसकी भूमिका अहम रहेगी। स्कूलों की फीस, किताब,स्टेशनरी-यूनिफार्म आदि की नीतियों पर भी उसकी नजर रहेगी और फैसलों में उसकी राय अहम होगी। नियमों को उल्लंघन होने प रवह विभाग से कार्रवाई की संस्तुति भी कर सकेगा। प्रबंधन समिति में सरकारी सदस्य होने से स्कूलों पर पूरे शैक्षिक सत्र में नजर रखना और नियमों का पालन कराना आसान होगा।