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English Billiards

English Billiards

English Billiards is a cue sport that originated in Great Britain where it is also simply referred to as Billiards.
The sport is played on a table that is of the same size as a snooker table, measuring 11'8" X 5'10", with six pockets around the table. A total of three balls are required, one cue ball for each player, and a red object ball.
At the start of a game, a play called "string", is used to decide which player gets to play first. Then players take turns to make shots and score points. Points are awarded for the following plays :
Cannon: Hits the other cue ball and the object ball in any order in a single shot, carries 2 points.
Poting: Pocket the red ball and other cue ball for points 3 and 2 points respectively.
In-off: Pocket the cue ball, after the object ball or other cue ball is struck first, for 3 and 2 points respectively.
Multiple plays can be combined in a single shot to score a maximum of 10 points in one single play. A match is played for a fixed number of points, usually 300, and the player to reach it is the winner.

बिलियर्ड्स आयताकार टेबल पर छोटी गेंदों की एक निश्चित संख्या व एक लम्बी छ्ड़ी से, जिसे क्यू कहा जाता है, से खेले जाने वाले विभिन्न खेलों में से एक है। कैरम या फ़्रेंच बिलियर्ड्स तीन गेंदों से एक बिना पॉकेट वाली टेबल पर खेला जाता हैं अन्य प्रमुख खेल छ: पॉकेट वाली टेबलों पर खेले जाते हैं, जिनमें हर कोने में एक-एक और दोनों लम्बी भुजाओं में एक-एक पॉकेट होती हैं।

स्नूकर इंग्लिश बिलियर्ड्स के लिये प्रयुक्त टेबल पर व उसी आकार की गेंदों से खेला जाता है। यह खेल 22 गेंदों से खेला जाता है: सफ़ेद क्यू गेंद, 15 लाल गेंद और छह रंगीन गेंद, जिनका पीली के 2, हरी के 3, भूरी के 4, नीली के 5, गुलाबी के 6 व काली के 7 के हिसाब से अंक होते हैं।

खिलाड़ी को पहले एक लाल गेंद को पॉकेट में डालकर फिर किसी भी रंग की गेंद डालने का प्रयास करना चाहिये, जिससे उसे पॉकेट में डाली गई गेंद के रंग के अनुसार अंक मिलते रहें। उसके बाद लाल व रंगीन गेंदें एक के बाद एक पॉकेट में डाली जाती हैं। पॉकेट में डाले जाने के पश्चात प्रत्येक लाल गेंद वहीं रहती है, जबकि अन्य रंगों की गेंदें, जब पॉकेट में डाल दी जाएं, तो जब तक कोई भी लाल गेंद टेबल पर बची रहती है, तब तक वापस अपने निर्धारित स्थान पर रखी जाती हैं। खेल तब तक चलता है, जब तक केवल छह रंगो की गेंदें ही टेबल पर न रह जाएं। अंत में छह रंगीन गेंदों को उनके अंकों के मूल्य के अनुसार क्रम से पॉकेट में डाला जाना चाहिये। जब आख़िरी गेंद पॉकेट में डाल दी जाती है, तो खेल समाप्त हो जाता है। खेल के दौरान यदि (अन्य गेंद अथवा गेंदों की रूकावट के कारण) कोई खिलाड़ी उस गेंद पर प्रहार नहीं कर पाता, जिस पर उसे नियमानुसार प्रहार करना चाहिये, तो कहा जाता है कि उसने स्नूकर कर दिया है और वह अपना दांव खो देता है; यह स्थिति खेल को उसका नाम देती है।

 

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