You are here: India / world Countries of the World

Nepal

Nepal

Geography :A landlocked country the size of Arkansas, lying between India and the Tibetan Autonomous Region of China, Nepal contains Mount Everest (29,035 ft; 8,850 m), the tallest mountain in the world. Along its southern border, Nepal has a strip of level land that is partly forested, partly cultivated. North of that is the slope of the main section of the Himalayan range, including Everest and many other peaks higher than 8,000 m.

Government: In Nov. 1990, King Birendra promulgated a new constitution and introduced a multiparty parliamentary democracy in Nepal. Under pressure amid massive pro-democracy protests in April 2006, King Gyanendra gave up direct rule and reinstated Parliament, which then quickly moved to diminish the King's power. In Dec. 2007, Parliament voted to abolish the monarchy and become a federal democratic republic. The transition to a republic was completed in May 2008, when the Constituent Assemby voted to dissolve the monarchy.

History: The first civilizations in Nepal, which flourished around the 6th century B.C. , were confined to the fertile Kathmandu Valley where the present-day capital of the same name is located. It was in this region that Prince Siddhartha Gautama was born c. 563 B.C. Gautama achieved enlightenment as Buddha and spawned Buddhism. Nepali rulers' early patronage of Buddhism largely gave way to Hinduism, reflecting the increased influence of India, around the 12th century. Though the successive dynasties of the Gopalas, the Kiratis, and the Licchavis expanded their rule, it was not until the reign of the Malla kings from 1200–1769 that Nepal assumed the approximate dimensions of the modern state. The kingdom of Nepal was unified in 1768 by King Prithvi Narayan Shah, who had fled India following the Moghul conquests of the subcontinent. Under Shah and his successors, Nepal's borders expanded as far west as Kashmir and as far east as Sikkim (now part of India). A commercial treaty was signed with Britain in 1792 and again in 1816 after more than a year of hostilities with the British East India Company.

 

Capital:Kathmandu, Languages: Nepali (official) 44.6%, Maithali 11.7%, Bhojpuri 6%, Tharu 5.8%, Tamang 5.1%, Newar 3.2%, Magar 3%, Bajjika 3%, Urdu 2.6%, Avadhi 1.9%, Limbu 1.3%, Gurung 1.2%, other 10.4%, unspecified 0.2% note: 123 languages reported as mother tongue in 2011 national census; many in government and business also speak English (2011 est.) Ethnicity/race: Chhettri 16.6%, Brahman-Hill 12.2%, Magar 7.1%, Tharu 6.6%, Tamang 5.8%, Newar 5%, Kami 4.8%, Muslim 4.4%, Yadav 4%, Rai 2.3%, Gurung 2%, Damai/Dholii 1.8%, Thakuri 1.6%, Limbu 1.5%, Sarki 1.4%, Teli 1.4%, Chamar/Harijan/Ram 1.3%, Koiri/Kushwaha 1.2%, other 19% note: 125 caste/ethnic groups were reported in the 2011 national census (2011 est.) Religions: Hindu 81.3%, Buddhist 9%, Muslim 4.4%, Kirant 3.1%, Christian 1.4%, other 0.5%, unspecifed 0.2% (2011 est.) Literacy rate: 57.4% (2011 est.) Economic summary: GDP/PPP (2013 est.): $42.06 billion; per capita $1,500. Real growth rate: 3.6%. Inflation:9.5% (2012). Unemployment: 46% (2008 est.). Arable land: 16%. Agriculture: rice, corn, wheat, sugarcane, root crops; milk, water buffalo meat. Labor force: 16 million; note: severe lack of skilled labor (2011 est.); agriculture 75%, industry 7%, services 18%. Industries: tourism, carpet, textile; small rice, jute, sugar, and oilseed mills; cigarettes, cement and brick production. Natural resources: quartz, water, timber, hydropower, scenic beauty, small deposits of lignite, copper, cobalt, iron ore. Exports: $1.06 billion (2013 est.): carpets, clothing, leather goods, jute goods, grain. Imports: $6.329 billion (2013 est.): gold, machinery and equipment, petroleum products, fertilizer.Major trading partners: India, U.S., Germany, China, Indonesia (2006). Communications: Telephones: main lines in use: 834,000 (2013); mobile cellular: 18.1382 million (2013).Broadcast media: state operates 2 TV stations as well as national and regional radio stations; roughly 30 independent TV channels are registered with only about half in regular operation; nearly 400 FM radio stations are licensed with roughly 300 operational (2007). Internet hosts: 41,256 (2012). Internet users: 577,800 (2009). Transportation: Railways: total: 59 km (2008). Roadways: total: 10,844 km; paved: 4,952 km; unpaved: 5,892 km (2010). Ports and harbors: none. Airports: 47 (2013). International disputes: joint border commission continues to work on small disputed sections of boundary with India; India has instituted a stricter border regime to restrict transit of Maoist insurgents.

राजधानी:काठमांडु,

नेपाल, (आधिकारिक रूप में, संघीय लोकतान्त्रिक गणराज्य नेपाल[4]भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित एक दक्षिण एशियाई भूपरिवेष्ठित हिमालयी राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर मे चीन का स्वायत्तशासी प्रदेशतिब्बत है और दक्षिण, पूर्व व पश्चिम में भारत अवस्थित है। नेपाल के ८१ प्रतिशत नागरिक हिन्दू धर्मावलम्बी हैं। नेपाल विश्व का प्रतिशत आधार पर सबसे बड़ा हिन्दू धर्मावलम्बी राष्ट्र है। नेपाल की राजभाषानेपाली है और नेपाल के लोगों को भी नेपाली कहा जाता है।एक छोटे से क्षेत्र के लिए नेपाल की भौगोलिक विविधता बहुत उल्लेखनीय है। यहाँ तराई के उष्ण फाँट से लेकर ठण्डे हिमालय की श्रृंखलाएं अवस्थित है। संसार का सबसे ऊँची १४ हिम श्रृंखलाओं में से आठ नेपाल में हैं जिसमें संसार का सर्वोच्च शिखर सगरमाथा एवरेस्ट (नेपाल और चीन की सीमा पर) भी एक है। नेपाल की राजधानी और सबसे बड़ा नगर काठमांडू है। काठमांडू उपत्यका के अन्दर ललीतपुर(पाटन), भक्तपुरमध्यपुर और किर्तीपुर नाम के नगर भी हैं अन्य प्रमुख नगरों में पोखराविराटनगरधरानभरतपुरवीरगञ्जमहेन्द्रनगरबुटवलहेटौडाभैरहवाजनकपुरनेपालगञ्जवीरेन्द्रनगर,त्रिभुवननगर आदि है।आज का नेपाली भूभाग अठारहवीं सदी में गोरखा राजा पृथ्वी नारायण शाह द्वारा संगठित नेपाल राज्य का अंशमात्र है। अंग्रेज़ों के साथ हुई संधियों में नेपाल को उस समय (१८१४) के दो तिहाई नेपाली क्षेत्रब्रिटिश इंडिया को देने पड़े जो आज भी भारतीय राज्य हिमाचल प्रदेशउत्तराखण्ड तथा पश्चिम बंगाल के अंश हैं। बींसवीं सदी में प्रारंभ हुए जनतांत्रिक आन्दोलनों में कई बार विराम आया जब राजशाही ने जनता और उनके प्रतिनिधियों को अधिकाधिक अधिकार दिए। अंततः २००८ में जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि माओवादी नेता प्रचण्ड के प्रधानमंत्री बनने से यह आन्दोलन समाप्त हुआ। लेकिन सेना अध्यक्ष के निष्कासन को लेकर राष्ट्रपति से हुए मतभेद और टीवी पर सेना में माओवादियों की नियुक्ति को लेकर वीडियो फुटेज के प्रसारण के बाद सरकार से सहयोगी दलों द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद प्रचण्ड को इस्तीफा देना पड़ा। गौरतलब है कि माओवादियों के सत्ता में आने से पहले सन् २००६ में राजा के अधिकारों को अत्यंत सीमित कर दिया गया था।अक्टूबर 2015 से श्री खड्ग प्रसाद शर्मा ओली नेपाल के प्रधानमंत्री का दायित्व संभाल रहे हैं।

'नेपाल' शब्द की व्युत्पत्ति के संबंध में विद्वानों की विभिन्न धारणाएँ हैं। "नेपाल" शब्द की उत्त्पत्ति के बारे में ठोस प्रमाण कुछ नहीं है, लेकिन एक प्रसिद्ध विश्वास अनुसार यह शब्द 'ने' ऋषि तथा पाल (गुफा) मिलकर बना है। माना जाता है कि एक समय नेपाल की राजधानी काठमांडू 'ने' ऋषि का तपस्या स्थल था। 'ने' मुनि द्वारा पालित होने के कारण इस भूखंड का नाम नेपाल पड़ा, ऐसा कहा जाता है।तिब्बती भाषा में 'ने' का अर्थ 'मध्य' और 'पा' का अर्थ 'देश' होता है। तिब्बती लोग 'नेपाल' को 'नेपा' ही कहते हैं। 'नेपाल' और 'नेवार' शब्द की समानता के आधार पर डॉ॰ ग्रियर्सन और यंग ने एक ही मूल शब्द से दोनों की व्युत्पत्ति होने का अनुमान किया है। टर्नर ने नेपाल, नेवार, अथवा नेवार, नेपाल दोनों स्थिति को स्वीकार किया है। 'नेपाल' शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम कौटिल्य ने अपने अर्थशास्त्र में किया है। उस काल में बिहार में जो मागधी भाषा प्रचलित थी उसमें 'र' का उच्चारण नहीं होता था। सम्राट् अशोक के शिलालेखों में 'राजा' के स्थार पर 'लाजा' शब्द व्यवहार हुआ है। अत: नेपार, नेबार, नेवार इस प्रकार विकास हुआ होगा।

इतिहास

हिमालय क्षेत्र में मनुष्यों का आगमन लगभग ९,००० वर्ष पहले होने के तथ्य की पुष्टि काठमांडू उपत्यका में पाये गये नव पाषाण औजारों से होती है। सम्भवतः तिब्बती-बर्माई मूल के लोग नेपाल में २,५०० वर्ष पहले आ चुके थे।१५०० ईसा पूर्व के आसपास इन्डो-आर्यन जातियों ने काठमांडू उपत्यका में प्रवेश किया।करीब १००० ईसा पूर्व में छोटे-छोटे राज्य और राज्य संगठन बनें। सिद्धार्थ गौतम (ईसापूर्व ५६३–४८३) शाक्य वंश के राजकुमार थे, उनका जन्म नेपाल केलुम्बिनी में हुआ था, जिन्होंने अपना राज-पाट त्याग कर तपस्वी का जीवन निर्वाह किया और वह बुद्ध बन गए।२५० ईसा पूर्व तक इस क्षेत्र में उत्तर भारत के मौर्य साम्राज्य का प्रभाव पड़ा और बाद में चौथी शताब्दी में गुप्तवंश के अधीन में कठपुतली राज्य हो गया। इस क्षेत्र में ५वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में आकर वैशाली के लिच्छवियों के राज्य की स्थापना हुई। ८वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में लिच्छवि वंश का अस्त हो गया और सन् ८७९ से नेवार (नेपाल की एक जाति) युग का उदय हुआ, फिर भी इन लोगों का नियन्त्रण देशभर में कितना हुआ था, इसका आकलन कर पाना मुश्किल है। ११वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में दक्षिण भारत से आएचालुक्य साम्राज्य का प्रभाव नेपाल के दक्षिणी भूभाग में दिखा। चालुक्यों के प्रभाव में आकर उस समय राजाओं ने बौद्ध धर्म को छोड़कर हिन्दू धर्म का समर्थन किया और नेपाल में धार्मिक परिवर्तन होने लगा।

१३वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में संस्कृत शब्द मल्ल का थर वाले वंश का उदय होने लगा। २०० वर्ष में इन राजाओं ने शक्ति एकजुट की। १४वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में देश का बहुत ज्यादा भाग एकीकृत राज्य के अधीन में आ गया। लेकिन यह एकीकरण कम समय तक ही टिक सका: १४८२ में यह राज्य तीन भाग में विभाजित हो गया - कान्तिपुरललितपुर और भक्तपुर – जिसके बीच मे शताव्दियौं तक मेल नही हो सका।

१७६५ में, गोरखा राजा पृथ्वी नारायण शाह ने नेपाल के छोटे-छोटे बाइसे व चोबिसे राज्य के उपर चढ़ाई करते हुए एकीकृत किया, बहुत ज्यादा रक्तरंजित लड़ाइयों के पश्चात् उन्होंने ३ वर्ष बाद कान्तीपुरपाटन व भादगाँउ के राजाओं को हराया और अपने राज्य का नाम गोरखा से नेपाल में परिवर्तित किया। तथापि उन्हे कान्तिपुर विजय में कोई युद्ध नही करना पड़ा। वास्तव में, उस समय इन्द्रजात्रा पर्व में कान्तिपुर की सभी जनता फसल के देवता भगवान इन्द्र की पूजा और महोत्सव (जात्रा) मना रहे थे, जब पृथ्वी नारायण शाह ने अपनी सेना लेकर धावा बोला और सिंहासन पर कब्जा कर लिया। इस घटना को आधुनिक नेपाल का जन्म भी कहते है।

 तिब्बत से हिमाली (हिमालयी) मार्ग के नियन्त्रण के लिए हुआ विवाद और उसके पश्चात युद्ध में तिब्बत की सहायता के लिए चीन के आने के बाद नेपाल पीछे हट गया। नेपाल की सीमा के नजदीक का छोटे-छोटे राज्यों को हड़पने के कारण से शुरु हुआ विवाद ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के साथ दुश्मनी का कारण बना। इसी वजह से १८१४–१६ रक्तरंजितएंग्लो-नेपाल युद्ध हो गया, जिसमें नेपाल को अपनी दो तिहाई भूभाग से हाथ धोना पड़ा लेकिन अपनी सार्वभौमसत्ता और स्वतन्त्रता को कायम रखा। दक्षिण एशियाई मुल्कों में" यही एक खण्ड है जो कभी भी किसी बाहरी सामन्त (उपनिवेशों) के अधीन में नही आया'। विलायत से लड़ने में पश्चिम में सतलुज से पुर्व में तीस्ता नदी तक फैला हुआ विशाल नेपाल सुगौली सन्धि के बाद पश्चिम में महाकाली और मेची नदियों के बीच सिमट गया लेकिन अपनी स्वाधीनता को बचाए रखने में नेपाल सफल रहा, बाद मे अंग्रेजो ने १८२२ में मेची नदी व राप्ती नदी के बीच की तराई का हिस्सा नेपाल को वापस किया उसी तरह १८६० में राणा प्रधानमंत्री जंगबहादुर से खुश होकर अंग्रेजों ने राप्तीनदी से महाकाली नदी के बीच का तराई का थोड़ा और हिस्सा नेपाल को लौटाया। लेकिन सुगौली सन्धी के बाद नेपाल ने जमीन का बहुत बडा हिस्सा गँवा दिया, यह क्षेत्र अभी उत्तराखंड राज्य और हिमाचल प्रदेश और पंजाब पहाड़ी राज्य में सम्मिलित है। पूर्व में दार्जिलिंग और उसके आसपास का नेपाली मूल के लोगों का भूमि (जो अब पश्चिम बंगाल मे है) भी ब्रिटिश इन्डिया के अधीन मे हो गया तथा नेपाल का सिक्किम पर प्रभाव और शक्ति भी नेपाल को त्यागने पड़े।राज परिवार व भारदारो के बीच गुटबन्दी की वजह से युद्ध के बाद अस्थायित्व कायम हुआ। सन् १८४६ में शासन कर रही रानी का सेनानायक जंगबहादुर राणा को पदच्युत करने के षड़यंत्र का खुलासा होने से कोतपर्व नाम का नरसंहार हुवा। हथियारधारी सेना व रानी के प्रति वफादार भाइ-भारदारो के बीच मारकाट चलने से देश के सयौँ राजखलाक, भारदारलोग व दूसरे रजवाड़ों की हत्या हुई। जंगबहादुर की जीत के बाद राणा खानदान उन्होंने सुरुकिया व राणा शासन लागु किया। राजा को नाममात्र में सीमित किया व प्रधानमन्त्री पद को शक्तिशाली वंशानुगत किया गया। राणाशासक पूर्णनिष्ठा के साथ ब्रिटिश के पक्ष में रहते थे व ब्रिटिश शासक को १८५७ की सेपोई रेबेल्योन (प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम), व बाद में दोनो विश्व युद्धसहयोग किया था। सन १९२३ में संयुक्त राजशाही व नेपाल बीच आधिकारिक रुप में मित्रता के समझौते पर हस्ताक्षर हुए, जिसमें नेपाल की स्वतन्त्रता को संयुक्त राजशाही ने स्वीकार किया। दक्षिण एशियाई मुल्कों में पहला, नेपाली राजदूतावास ब्रिटेन की राजधानी लंदन मे खुल गया।१९४० दशक के उत्तरार्ध में लोकतन्त्र-समर्थित आन्दोलनोंं का उदय होने लगा व राजनैतिक पार्टियां राणा शासन के विरुद्ध हो गईं। उसी समय चीन ने १९५० में तिब्बत पर कब्जा कर लिया जिसकी वजह से बढ़ती हुई सैनिक गतिविधियों को टालने के लिए भारत नेपाल की स्थायित्व पर चाख बनाने लगा। फलस्वरुप राजा त्रिभुवन को भारत ने समर्थन किया १९५१ में सत्ता लेने में सहयोग किया, नई सरकार का निर्माण हो गया, जिसमें ज्यादा आन्दोलनकारी नेपाली कांग्रेस पार्टी के लोगों की सहभागिता थी। राजा व सरकार के बीच वर्षों की शक्ति खींचातानी के पश्चात्, १९५९ में राजा महेन्द्र ने लोकतान्त्रिक अभ्यास अन्त किया व "निर्दलीय" पञ्चायत व्यवस्था लागू करके राज किया। सन् १९८९के "जनआन्दोलन" ने राजतन्त्र को सांवैधानिक सुधार करने व बहुदलीय संसद बनाने का वातावरण बन गया सन १९९०मा कृष्णप्रसाद भट्टराई अन्तरिम सरकारके प्रधानमन्त्री बन गए, नये संविधान का निर्माण हुआ राजा बीरेन्द्र ने १९९० में नेपाल के इतिहास में दूसरा प्रजातन्त्रिक बहुदलीय संविधान जारी किया[6] व अन्तरिम सरकार ने संसद के लिए प्रजातान्त्रिक चुनाव करवाए। नेपाली कांग्रेस ने राष्ट्र के दूसरे प्रजातन्त्रिक चुनाव में बहुमत प्राप्त किया व गिरिजा प्रसाद कोइराला प्रधानमन्त्री बने।इक्कीसवीं सदी की शुरुआत में नेपाल में माओवादियों का आन्दोलन तेज होता गया। मधेशियों के मुद्दे पर भी आन्दोलन हुए। अन्त में सन् 2008 में राजा ज्ञानेन्द्र ने प्रजातांत्रिक चुनाव करवाए जिसमें माओवादियों को बहुमत मिला और प्रचण्ड नेपाल के प्रधानमंत्री बने और मधेशी नेता रामबरन यादव ने राष्ट्रपति का कार्यभार संभाला।

भूगोल

मानचित्र पर नेपाल का आकार एक तिरछे सामानान्तर चतुर्भुज का है। नेपाल की कुल लम्बाई करीब 800 किलोमीटर और चौड़ाई 200 किलोमीटर है। नेपाल का कुल क्षेत्रफल 147181 वर्ग किलोमीटर है। नेपाल भौगोलिक रूप से तीन भागों में विभाजित है– पर्वतीय क्षेत्र, शिवालिक क्षेत्र और तराई क्षेत्र। साथ में भित्री मधेस कहलाने वाले उपत्यकाओं का एक समूह पहाड़ी क्षेत्र के महाभारत पर्वत श्रृंखला व चुरिया श्रृंखला के बीच स्थित है। यह क्षेत्र पहाड़ व तराई के बीच में स्थित है हिमाली पहाड़ी व तराई क्षेत्र पूर्व-पश्चिम दिशा मे देशभर में फैले हुए है और यिनी क्षेत्र को नेपाल की प्रमुख नदियों ने जगह-जगह पर विभाजन किया है।भारत के साथ जुड़ा हुआ तराई फांट भारतीय-गंगा के मैदान का उत्तरी भाग है। इस भाग की सिंचाई तथा भरण-पोषण मे तीन नदियों का मुख्य योगदान है: कोशी, गण्डकी (भारत मे गण्डक नदी) और कर्णाली नदी। इस भूभाग की जलवायु उष्ण और संतृप्त (आर्द्र) है।

पहाड़ी भूभाग मे १,००० लेकर ४,००० मीटर तक की ऊंचाई के पर्वत पड़ते हैं। इस क्षेत्र में महाभारत लेख व शिवालिक श्रृंखला (चुरिया) नाम की दो मुख्य पहाड़ी शृंखलायें हैं। पहाड़ी क्षेत्र मे ही काठमांडू उपत्यका, पोखरा उपत्यका, सुर्खेत उपत्यका के साथ टार, बेसी, पाटन माडी कहे जाने वाले बहुत से उपत्यका पड़ते है, यह उपत्यका नेपाल की सबसे उर्वर भूमि है तथा काठमांडू उपत्यका नेपाल का सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है। पहाड़ी क्षेत्र की उपत्यका को छोड़ कर २,५०० मीटर (८,२०० फुट) की ऊंचाई पर जनघनत्व बहुत कम है।हिमाली क्षेत्र में संसार की सबसे ऊंची हिम शृंखलायें पड़ती हैं। इस क्षेत्र की उत्तर में चीन की सीमा के पास में संसार का सर्वोच्च शिखर, ऐवरेस्ट (सगरमाथा) ८,८४८ मीटर (२९,०३५ फुट) अवस्थित है। संसार की 8000 मीटर से ऊँची 14 चोटियों में से 8 नेपाल की हिमालयी क्षेत्र में पड़ती हैं। संसार का तीसरा सर्वोच्च शिखर कंचनजंघा, भी इसी हिमालयी क्षेत्र मे पड़ता है।

 

 

 

,

 

 

Advertisements


Poll

अभिभावक संग स्कूल जाने वाले बच्चे ज्यादा खुश रहते हैं क्योंकि-

  • उनके अंदर अन्य बच्चों की अपेक्षा आत्मविश्वास अधिक होता है।
  • उनमें बातें साझा करने की क्षमता भी बढ़ती है।
  • अकेलेपन का बोध नहीं रहता है।
  • उपर्युक्त सभी